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सुमिता शर्मा चंद्रपुर महाराष्ट्र:
बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 पूरे राज्य में लागू किया गया है और महाराष्ट्र बाल विवाह रोकथाम नियम 2022 भी लागू किया गया है। इसके अनुसार बाल विवाह कराना गैर जमानती अपराध है।
तदनुसार, 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन, सभी एजेंसियों को बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बाल विवाह को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सेवक को बाल विवाह रोकथाम अधिकारी और आंगनवाड़ी सेविका को सहायक अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में बाल विकास परियोजना अधिकारी (नागरिक) को बाल विवाह रोकथाम अधिकारी और पर्यवेक्षक को सहायक अधिकारी घोषित किया गया है। उन्हें सभी सावधानियां बरतनी चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।’ कलेक्टर विनय गौड़ा ने अपील की है कि यदि बाल विवाह हो रहा है या होने की संभावना है, तो जिला बाल संरक्षण सेल, चंद्रपुर के तहत जिला चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नंबर 1098 पर संपर्क करें।
यदि 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई व्यक्ति नाबालिग दुल्हन से शादी करता है, तो उस व्यक्ति को 2 साल तक की कठोर कारावास और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यदि बाल विवाह जानबूझकर उस व्यक्ति, साथ ही दूल्हे और दुल्हन के माता-पिता या अभिभावकों, अन्य रिश्तेदारों और दोस्तों, धार्मिक स्थानों के ट्रस्टियों, फोटोग्राफरों, प्रिंटिंग प्रेस, जंत्री, विवाह हॉल प्रबंधकों, कैटरर्स आदि द्वारा जानबूझकर तय, निष्पादित या प्रोत्साहित किया जाता है। जिसने वास्तव में इसे घटित करने में सहायता की या इसे घटित करने का प्रयास नहीं किया, और जो ऐसे विवाह में शामिल होता है, उसे 2 वर्ष तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या जुर्माना हो सकता है। दोनों। साथ ही यदि ग्राम सेवक गलत तरीके से जन्म प्रमाण पत्र दर्ज करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।